How to Design Your Office Space to make your staffs feel good?
किसी भी ऑफिस में सही माहौल बना के रखना बहुत जरुरी होता है ऑफिस डिज़ाइन के लि।अच्छी तरह से डिज़ाइन हुआ ऑफिस और अच्छी संचार व्यवस्था आपके ऑफिस टीम के काम करने के तरीके और प्रोडक्टिविटी कुल मिलाकर कर पुरे व्यवहार को बदल देता है। वही अच्छी तरह से डिज़ाइन किया हुआ ऑफिस आपके काम के बारे में भी कस्टमर को दिखाता है।
एक सुन्दर, संगठित और मॉडर्न ऑफिस इंटीरियर डिज़ाइन आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाता है और इसके बाद आप सफलता की बात करते हैं।
किसी ने कहा है, यह समझना महत्वपूर्ण है कि एक व्यवसाय के लिए जो काम करता है वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता है। यह सब इमेज और कुल मिलाकर उस ब्रांड पर निर्भर करता है जिसे आप बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
अपने कंपनी कल्चर को ध्यान में रख के ऑफिस डिज़ाइन करें
हर एक बिजिनेस का अपना एक यूनिक कंपनी कल्चर होता है जो दूसरों से बिल्कुल अलग होता है। एक प्रभावशाली ऑफिस डिज़ाइन अपने इसी अलग और यूनिक पहचान की वजह जाना जाता है। अपनी कंपनी की संस्कृति की पहचान करने के लिए, अपनी टीम के साथ बैठें और परिभाषित करें – शब्दों और छवियों में – वह व्यक्तित्व जिसे आप अपने व्यवसाय से बताना चाहते हैं। फिर उसी के अनुसार अपने ऑफिस की जगह डिजाइन करें।
एक ही तरह की डिज़ाइन सारे ऑफिस के लिए सही नहीं
सभी बिजनेस अलग होते है। यहाँ तक कि उसके टीम भी अलग होती है। उन सभी का अपना अपना अलग तरीका है काम करने का। इसका यह मतलब है कि किसी एक तरह का डिज़ाइन सभी ऑफिस के सही नहीं हो सकता है। उदाहरण के लिए- कुछ टीम है जो शांत समय में अच्छा काम कर पाते है। क्यूबिकल्स या सेमी-प्राइवेट जैसे काम करने वाले जगहों में आपको अच्छा काम दे सकते है।
कुछ टीम है जो काम करते समय एक दूसरे साथ बात चीत करते है अगर उनको कुछ समझ नहीं आ रहा है तो वो दूसरे से पूछ कर उसको समझने की कोशिश करते है।
किसको कितनी जगह देना चाहिए
पुराने ऑफिसेस में उनके टाइटल के हिसाब से उनको जगह दिया जाता है। प्रेसिडेंट और वाईस प्रेसिडेंट के सबसे बड़े ऑफिसेस होते थे। सीनियर सेल्स स्टाफ के थोड़ा छोटा ऑफिस और मैनेजर के उनसे भी छोटे ऑफिस होते थे। और जो नीचे रैंक वाले कर्मचारी होते थे उनको लगभग 6 से 8 स्कवायर फ़ीट की जगह मिलती थी।
जरुरी टेक्नोलॉजीज के हिसाब से डिज़ाइन करें
लेकिन आज के बदलते समय में बिजनेसेस समझ रहे हैं कि उनके टाइटल के हिसाब से नहीं बल्कि कौन कितना टाइम ऑफिस में काम कर रहा है उस हिसाब से उनको जगह मिलती है। यहाँ तक कि जो अपर मैनेजमेंट के लोग ऑफिस से ज्यादा बाहर रहते हैं इस वजह से उनके काम करने की जगह का उपयोग नहीं हो पाता है जितना होना चाहिए, वहीँ दूसरी तरफ ऑफिस के दूसरे कर्मचारी अपने दिन के 80,90 प्रतिशत या 100 प्रतिशत ऑफिस में बिताते हैं अलग अलग प्रोजक्ट पर। उनको काम करने के लिए ज्यादा बड़े जगहं की जरूरत होती है बजाये सेल्स पर्सन के जो 70 प्रतिशत मीटिंग के लिए ऑफिस से बहार रहते है।
ऑफिस को डिज़ाइन करते समय आपको इस बात पर ध्यान होगा की आपके कंपनी में किस तरह की जरुरी टेक्नोलॉजीस का उपयोग हो रहा है फिर उसके हिसाब से डिज़ाइन करना चाहिए। उदाहरण के लिए जिस ऑफिस में बहुत सारे वायर लगे होते हैं तो वो कर्मचारी को रिस्ट्रिक्ट कर देते हैं। इसलिए वायर और वायरलेस ऑफिस एक बहुत बड़ा मुद्दा है। यह जानना बहुत जरुरी होता है कि आपका टीम कौन सी जरुरी टेक्नोलॉजी से प्रभावित है।
लिस्ट में सहयोग को सबसे ऊपर रखें
जब भी आप अपने ऑफिस को डिज़ाइन करने का प्लान करें, तो सबसे जरुरी एलिमेंट्स लिस्ट के साथ सहयोग रखें। बहुत सारे स्टार्टअप्स अपने काम एक बड़े और खुले रूम से करते हैं जहां वो एक दूसरे से बात चीत कर सके अगर किसी चीज में किसी दूसरे की मदद की जरूरत पड़ने पर। जैसे ही उनका स्टार्टअप्स ग्रो करता है तो आपतौर पर वो भी एक ट्रेडिशनल ऑफिस को अपना लेते है जिसने दरवाजे और डिवाइडर्स लगे होते हैं। और ऐसी वजह से असली buzz को खो देते हैं। लेकिन आप उस buzz को ज़िंदा रखने के लिए ऑफिस डिज़ाइन पर ध्यान दें।
किसी भी कंपनी कि सफलता में ऑफिस की डिज़ाइन बहुत मत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, इसलिए यह बहुत जरुरी होता है कि आप किसी प्रोफेशनल की मदद लें इसको डिज़ाइन करने में. एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया हुआ ऑफिस थोड़ा खर्चीला हो सकता है, लेकिन किसी भी गंदे तरीके से डिज़ाइन किये हुए ऑफिस से तो काफी सस्ता होता है. गंदे तरह से डिज़ाइन किये ऑफिस में फ़्रस्ट्रेशन की वजह से टाइम ख़राब होता है और आसान काम को भी करने में बढ़ा डालती है. Paul Kelly कहते हैं कि “अच्छा ऑफिस डिज़ाइन इन समस्यायों समाधान करती हैं लेकिन एक बहुत ही अच्छा ऑफिस डिज़ाइन इससे एक कदम और आगे रहता है. कम्युनिकेशन के लिए एक नई लाइन सेट करना, स्टाफ को अलग अलग कामों के लिए उसके हिसाब से माहौल प्रदान करता है, और वो ऑफिस में होकर एक्साइटेड फील करते हैं. अगर ऑफिस का डिज़ाइन बहुत अच्छा होता है तो काम का प्रेसर महसूस नहीं होता है.”
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